हनुमान जी का चरित्र दर्शन, धर्म का सही मूल्यांकन है : डा. श्री स्वामी दिव्यानंद जी महाराज

admin  4 days, 2 hours ago Top Stories

PANIPAT AAJKAL : श्री हनुमान जयंती के उपलक्ष्य में श्री शक्तिपीठ संकट मोचन हनुमान मन्दिर, वार्ड नं. 9 का 57वें वार्षिकोत्सव के में तपोवन हरिद्वार से पधारे पूज्य चरण श्री गीताभागवत व्यास डा. श्री स्वामी दिव्यानंद जी महाराज जी के सान्निध्य में कथा के समापन दिवस पर दीप प्रज्जवलन मुख्य अतिथि पार्षद अमित नारंग और चांद भाटिया ने किया। स्वामी दिव्यानन्द जी महाराज ने प्रवचन करते हुए कहा कि श्री हनुमान जी में एक गुण पहचानने की शक्ति का भी था। उन्होंने विभीषण एवं रावण को इसी गुण से पहचाना। उन्होंने कहा कि आज समाज में तनाव का एक कारण लोगों में पहचानने के गुण का अभाव है जिस कारण वे गलत संगति में फंस जाते हैं और बाद में पछताते हैं। हनुमान जी का चरित्र दर्शन, धर्म का सही मूल्यांकन है। सेवा, सिमरन, विवेक, बुद्धि बल, निराभिमानिता, धीरता, वीरता का समन्वय यदि यथार्थ में देखना है तो हनुमान चरित्र में दर्शन करो। तभी तो इन्हें ‘‘सकल गुण निधानम्’’ कहा गया है। सफलता के उच्चतम शिखर पर पहुँचने का यदि किसी ने मैनेजमेंट कोर्स करना है तो वह हनुमान जी के निर्देशन में सीखे। अहंकार और क्रोध का साकार रूप रखना अपनी अहंकारी दैत्यों की सभा में अशोक वाटिका को उजाड़ने वाले हनुमान जी बंदी के रूप में आते हैं। किन्तु पूरी तरह से निर्भीक निशंक? रावण को समझने में देर नहीं लगी कि इस व्यक्तिव में कोई ऐसी दिव्यता है जो हनुमान जी को निर्भय बनाये हुई है। उन्हीं सद्गुणों को ग्रहण करने के लिए यह हनुमान जयंती मनाई जा रही है। इस अवसर पर हेमन्त लखीना, पंकज सेठी, कशमीरी लाल जुनेजा, टहला राम रामदेव, तुलसी दास वधवा, शिव जुनेजा, चंदर रेवड़ी, चुन्नी लाल लखीना, चुन्नी लाल चुघ, ओम प्रकाश रेवड़ी, आदि उपस्थित थे।

img
img